पीएमएमवाई-मुद्रा-तरुण प्लस
क्र.सं. | मानदंड | उत्पाद संबंधी विशेषताएं | ||
1. | पात्रता | जिन उद्यमियों ने समय-समय पर तरुण श्रेणी (रुपये 5 लाख से रुपये 10 लाख तक के मुद्रा ऋण) के अंतर्गत पूर्व में ऋण लिया है और उनकी सफलतापूर्वक चुकौती कर दी है। | ||
2. | सुविधा की प्रकृति | निधि आधारितः मीयादी ऋण / कार्यशील पूँजी (आवश्यकता के आधार पर आवश्यकतानुरूप समग्र ऋण) | ||
3. | ऋण राशि | न्यूनतमः रु. 10.00 लाख से अधिक
अधिकतमः रु. 20.00 लाख |
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4. | मार्जिन (प्रोमोटर का अंशदान) | कार्यशील पूँजीः स्टॉक एवं बही ऋण का 20%
मीयादी ऋणः क्रय की जानेवाली आस्ति/मशीनरी के व्यय का 20% |
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5. | मूल्यांकन
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कार्यशील पूँजीः ऋण नीति के अनुसार सीमा का निर्धारण टर्नओवर पद्धति से किया जाएगा। यथार्थवादी पुर्वानुमानों पर विचार किया जाएगा।
मीयादी ऋणः डीएससीआर के अनुपालन के अध्यधीन मार्जिन घटा कर क्रय की जाने वाली मशीनरी की कुल लागत। |
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6. | प्रतिभूति | · प्राथमिक प्रतिभूति : ऋण की आगम राशि से सृजित आस्तियों तथा व्यवसाय/परियोजना से प्रत्यक्षतः संबद्ध आस्तियों का दृष्टिबंधन।
संपार्श्विक प्रतिभूतिः शून्य · ऋण अनिवार्य रूप से सीजीटीएमएसई/सीजीएफएमयू के अंतर्गत कवर किया जाएगा तथा प्रीमियम ऋणी द्वारा वहन किया जाएगा। |
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7. | ब्याज दर | रेपो (6.50) + प्राथमिक स्प्रेड (2.70) + अन्य स्प्रेड (2.65)
= 11.85% वर्तमान में |
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8. | चुकौती अवधि | · मीयादी ऋण को अधिकतम 60 माह की अवधि में चुकाया जाना है।
· मानदंडों तथा संतोषजनक प्रदर्शन/खाते के परिचालन के अध्यधीन वार्षिक आधार पर कार्यशील पूँजी सीमा नवीनीकृत की जाएगी। |
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9. | प्रलेखीकरण | मीयादी ऋण के लिए डी-7, डी-36, डी 101 और कार्यशील पूँजी के लिए डीपीएन, डी-3, डी-105, सहित प्रलेखीकरण मैनुअल और अन्य कंस्टीट्यूशन आधारित दस्तावेजों में यथा निर्दिष्ट कोई भी अन्य प्रयोज्य दस्तावेज।
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10. | संस्वीकृति प्राधिकारी | विवेकाधिकार शक्ति पुस्तिका के अनुसार | ||
11. | प्रारंभिक शुल्क / प्रसंस्करण शुल्क | सेवा प्रभार परिपत्र के अनुसार प्रसंस्करण प्रभार, प्रलेखीकरण प्रभार एवं अन्य प्रभार। | ||
12. | अन्य शर्तें
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· आपूर्तिकर्ताओं की समुचित सावधानी सुनिश्चित की जाएगी।
· मीयादी ऋण के मामले में राशि डीडी/एनईएफटी/आरटीजीएस के माध्यम से डीलरों/आपूर्तिकर्ताओं को सीधे प्रेषित की जानी चाहिए। · इकाइयों को सांविधिक/विनियामक प्राधिकरणों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए। · सभी प्रतिभूतियों का बैंक क्लॉज के साथ पर्याप्त बीमा किया जाना चाहिए – प्रीमियम का भुगतान उधारकर्ता द्वारा किया जाएगा। · प्रमोटरों का योगदान आनुपातिक रूप से प्रारंभिक रूप से लाया जाना चाहिए। · ऋण अनिवार्य रूप से सीजीटीएमएसई/सीजीएफएमयू के अंतर्गत कवर किया जाएगा तथा प्रीमियम का भुगतान उधारकर्ता द्वारा वहन किया जाएगा। · जहां भी लागू हो, मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार प्रभारों को आरओसी/अन्य प्राधिकरणों के पास पंजीकृत कराया जाएगा। · केवाईसी/एएमएल एवं अन्य दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है। · ऋण नीति संबंधी सभी दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाना है। समय-समय पर ऋण नीति में किया गया कोई भी संशोधन योजना का अभिन्न अंग होगा। |
( अंतिम संशोधन Dec 17, 2024 at 02:12:32 PM )