लैब ग्रोन डायमंड योजना
क्र.सं | मानदंड | दिशानिर्देश | ||||||
1. | उद्देश्य | प्रयोगशाला में निर्मित हीरों के विनिर्माण/व्यापार में लगी एमएसएमई इकाइयों को वित्तपोषित करना। | ||||||
2. | लक्ष्य समूह | · प्रयोगशाला में निर्मित हीरों के विनिर्माण/व्यापार में लगी एमएसएमई इकाइयां।
· उपरोक्त कार्य से जुड़े स्वामित्व, साझेदारी, एलएलपी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनियां, सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियां · सभी एमएसएमई इकाइयां – मौजूदा (अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाली) और साथ ही नई इकाइयां (प्रमोटरों के संतोषजनक ट्रैक रिकॉर्ड, समूह संबद्धता और व्यवहार्य परियोजना वाली)। · यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाता पुनर्गठित/पुनर्निर्धारित नहीं है, अन्य बैंकों/वित्तीय संस्थानों में समूह का कोई भी खाता एनपीए न हो और समुचित सावधानी बरतनी होगी। · इकाई/उधारकर्ता/समूह इकाइयों/प्रमोटरों का ट्रैक रिकॉर्ड संतोषजनक हो। मौजूदा इकाइयों के मामले में, खाते में संतोषजनक परिचालन होना चाहिए। |
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3. | पात्रता | Ø रत्न एवं आभूषण संबंधी गतिविधियों में न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव।
Ø ग्राहक का सीएमआर 1-4 होना चाहिए। जहां भी सीएमआर लागू/उपलब्ध नहीं है, मुख्य प्रमोटर का सिबिल स्कोर 730 और उससे अधिक या अन्य सीआईसी स्कोर के बराबर होना चाहिए। Ø पिछले 12 महीनों में उधारकर्ता, एसएमए 1 में नहीं होना चाहिए। Ø 25.00 करोड़ रुपये और उससे अधिक के एक्सपोजर के लिए उधारकर्ता को न्यूनतम बाहरी रेटिंग ‘ए’ दी जानी चाहिए। Ø आंतरिक संयुक्त रैम रेटिंग ‘ए’ और उससे ऊपर होनी चाहिए। Ø 100% संपार्श्विक प्रतिभूति अचल संपत्तियों के साम्यिक बंधक / तरल प्रतिभूतियों के रूप में होना चाहिए। |
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4. | एक्सपोजर | न्यूनतम एक्सपोज़र : रु. 0.10 करोड़
अधिकतम एक्सपोज़र : रु. 50.00 करोड़
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5. | सुविधाएँ | कार्यशील पूंजी और सावधि ऋण आवश्यकता और पात्रता (एफबी + एनएफबी) के अनुसार स्वीकृत किया जा सकता है। कैपेक्स के लिए सावधि ऋण देने पर बल दिया जाना चाहिए। | ||||||
6. | मार्जिन | मीयादी ऋण :
भूमि एवं भवन: 30% संयंत्र और मशीनरी: 25% सेकेंड हैंड मशीनरी : बैंक के मानदंडों के अनुसार कार्यशील पूंजी की सुविधा : मार्जिन : 90 दिनों तक स्टॉक पर 25% और बही ऋण पर 30% इन्वेंटरी / स्टॉक का मूल्यांकन : v प्रयोगशाला में निर्माण के दौरान, काटे और पॉलिश किए गए हीरों को कटाई, शुद्धता, रंग और कैरेट के संबंध में जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका (जीआईए) या ऐसी अन्य समतुल्य एजेंसियों द्वारा प्रमाणित किया जाता है। अतः प्रयोगशाला में निर्माण के दौरान, काटे और पॉलिश किए गए हीरों को स्टॉक स्टेटमेंट में नीचे दी गई दो श्रेणियों में रखा जाता है : ü सी एंड पी डायमंड्स – प्रमाणित ü सी एंड पी डायमंड्स – अप्रमाणित v मार्जिन और आहरण शक्ति की गणना के प्रयोजन के लिए, केवल कट और पॉलिश किए गए हीरों के प्रमाणित हिस्से पर विचार किया जाएगा।
एनएफबी : बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार |
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7. | मूल्यांकन की विधि | मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार। | ||||||
8. | ब्याज की दर |
* वर्तमान में-6.50% बीएसडी सहित अनुमोदित दर से परे किसी भी रियायत पर कॉर्पोरेट कार्यालय में सक्षम प्राधिकारी द्वारा मामले दर मामले आधार पर विचार किया जा सकता है। |
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9. | प्रसंस्करण प्रभार | सभी प्रभार मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार हैं।
किसी भी रियायत के संबंध में मामले दर मामले के आधार पर विवेकाधीन शक्तियों के अधीन विचार किया जा सकता है। |
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10. | चुकौती की अवधि | डोर टू डोर अवधि : अधिकतम 7 वर्ष तक | ||||||
11. | सुरक्षा | ü प्राथमिक प्रतिभूति : बैंक वित्त से निर्मित आस्ति
ü संपार्श्विक प्रतिभूति : v आवासीय/वाणिज्यिक/औद्योगिक भूमि और भवन (वसूली योग्य मूल्य)/तरल प्रतिभूति आदि के रूप में अचल संपत्तियों के साम्यिक बंधक से ऋण राशि का न्यूनतम 100% सुरक्षित किया जाना चाहिए। |
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12. | टेकओवर | एक समान गतिविधियों वाली संस्थाओं के अन्य बैंकों / वित्तीय संस्थानों से मौजूदा देयताओं को टेकओवर करने की अनुमति बैंक के टेकओवर नियमों तथा इस योजना के तहत अन्य दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन हैं। | ||||||
13. | बीमा | हमें दी गई आस्तियों से संबंधित सभी प्रकार के जोखिमों के लिए दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक क्लॉज के साथ पर्याप्त बीमा किया जाना चाहिए। | ||||||
14. | अन्य पहलू | Ø केवाईसी सत्यापन, ड्यू डिलिजेंस, मूल्यांकन हमारे बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाना चाहिए।
Ø घरेलू बिक्री के लिए, मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार जीएसटी रिटर्न प्राप्त और सत्यापित किया जाना चाहिए। निर्यात-आयात लेनदेन के संबंध में, क्षेत्र पदाधिकारियों द्वारा बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। Ø सीमा का आकलन करते समय, सीमा की अनुमति दिये जाने के संबंध में मंजूरी प्राधिकारी द्वारा एकल विक्रेता पर निर्भरता का आकलन उसकी वार्षिक बिक्री के प्रतिशत के रूप में गंभीरता से किया जाना चाहिए। Ø एमएसएमई नीति के अनुसार बेंचमार्क अनुपात का अनुपालन किया जाना चाहिए। कोई भी विचलन प्रत्यायोजित प्राधिकार के अधीन है। Ø एक समान गतिविधियों वाली संस्थाओं के अन्य बैंकों / वित्तीय संस्थानों से मौजूदा देयताओं को टेकओवर करने की अनुमति बैंक के टेकओवर नियमों तथा इस योजना के तहत अन्य दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन हैं। अन्य सभी मौजूदा दिशानिर्देश, समय-समय पर जारी परिपत्र, प्रक्रियाएं, अनुदेश पुस्तक आदि इन क्षेत्रों पर भी लागू होंगे । Ø दबावग्रस्त क्षेत्र के वित्तपोषण के संबंध में सभी ऋण नीति निर्देशों का पालन इस उत्पाद के संदर्भ में किया जाना चाहिए। Ø उत्पाद सुविधाओं में किसी भी विचलन पर सीओएलसीसी (महाप्रबंधक) और इस स्तर से ऊपर के अधिकारियों द्वारा विचार किया जाएगा। |
( अंतिम संशोधन Nov 06, 2024 at 04:11:47 PM )