क्रमांक |
मानदंड |
उत्पाद की विशेषताएँ |
1. |
लक्षित समूह |
यूआरसी धारक सूक्ष्म व लघु उद्यम |
2. |
पात्रता |
सभी एमएसई जो उद्यम पंजीकरण (विनिर्माण व सेवा क्षेत्र दोनों) के अंतर्गत पंजीकृत हैं वे एमएसई- गिफ्ट योजना के तहत ब्याज रियायत घटक एवं ऋण गारंटी कवर के लिए पात्र होंगे।
जो एमएसई सीजीटीएमएसई के तहत गारंटी कवर की सुविधा का लाभ ले रहे हैं, वे एमएसई-गिफ्ट योजना के तहत गारंटी कवर के लिए पात्र नहीं होगे। एमएसई इकाई किसी भी बैंक /वित्तीय संस्थान /गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी का चूककर्ता नहीं होना चाहिए। बैंक के दिशानिर्देशानुसार प्रवर्तकों / निदेशकों /भागीदारों /मालिकों के नाम किसी भी चूककर्ता सूची / सी.एफ.आर./ सिबिल /भा.रि.बैं. /आई.बी.ए. / तृतीय पक्ष सूची / सावधानी सूची आदि में उल्लिखित नहीं होना चाहिए। 01 से 04 का सीएमआर या समकक्ष सीआईसी स्कोर सीएमआर-लागू नहीं होने की स्थिति में, प्रवर्तकों के सीआईसी स्कोर 750 या उससे अधिक होने चाहिए। |
3. |
पात्र परियोजनाएँ |
- नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, वायु व जल)
- ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ उत्पाद, संसाधन दक्षता, चक्रीय अर्थव्यवस्था आदि का शमन
- अनुकूलन (जल प्रबंधन, जल दक्षता, अपशिष्ट जल उपचार आदि)
- पर्यावरण संरक्षण (प्रदूषण नियंत्रण, निवारण व उपचार)
- हरित बिल्डिंग्स, हरित उत्पाद व सामग्री
- यातायात (शहरी रेल /मेट्रो, इलेक्ट्रिक, हायब्रिड, बैटरी, ईवी चार्जिंग स्टेश्नस)
- अपशिष्ट प्रबंधन (पुन:संस्करण, अपशिष्ट प्रबंधन, निपटान) सहित अपशिष्ट से ऊर्जा, ई-कचरा आदि
- स्वच्छ व हरित ईंधन यथाः संपीड़ित बायोगैस, इथेनॉल, एलएनजी, स्मार्ट ग्रिड्स इत्यादि।
- कोई नई व नवोन्मेषी परियोजना जिसका जलवायु पर उच्च प्रभाव की संभावना हो चाहे वह अत्यधिक जोखिम भरा ही क्यों न लगे।
- अन्य कोई गतिविधि जिससे पर्यावरण संबंधी एक बेहतर परिणाम आए।
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4. |
पात्र मशीनरी |
योजना में परिभाषित मशीनरियों की तकनीकी सूची-890 में मशीनरी उपलब्ध होनी चाहिए। |
5. |
योजना के तहत ब्याज में रिआयत |
₹ 2.00 करोड़ तक के मीयादी ऋण पर प्रति वर्ष 2% ब्याज रियायत
एमएसएमई को अधिकत्तम 5 वर्षो की अवधि हेतु ब्याज अनुदान उपलब्ध होगा।
31.03.2026 तक स्वीकृत किए जानेवाले ऋण में ब्याज रियायत मिलेगी।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा योजना की अधिसूचना की तिथि के उपरांत मंजूर सभी सहायता तब तक जारी रहेगी जबतक ब्याज रियायत कोष समर्पित रहेगा या योजना चलेगी, , दोनों में जो पहले हो।
योजना के तहत तकनीक के नए प्लांट व मशीनरी की खरीद एवं प्रक्रिया को बेहतर करने के उद्देश्य से मंजूर मीयादी ऋण ब्याज रियायत के लिए पात्र होगा जो सिडबी द्वारा समय-समय पर जारी योजना संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुपालन के अधीन होगा। |
6. |
सुविधा की प्रकृति |
निधि आधारितः मीयादी ऋण |
7. |
ऋण राशि |
न्यूनतमः ₹ 10.00 लाख
अधिकतम: ₹ 2.00 करोड़ |
8. |
मार्जिन (प्रवर्तकों का अंश) |
मीयादी ऋण / मशीनरी : 25% |
9. |
मूल्यांकन |
सुविधाएँ |
निर्धारण का प्रकार |
मीयादी ऋण |
मार्जिन घटाकर कुल लागत |
डीएससीआर के अनुपालन के अधीन रहकर वास्तविक अनुमानों पर विचार की जाए। |
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10. |
प्राथमिक प्रतिभूतिः
मशीनरी – मीयादी ऋण राशि से निर्मित आस्तियों का दृष्टिबंधन
संपार्श्विक प्रतिभूति:
सीजीटीएमएसई के तहत कवर होने पर शून्य संपार्श्विक होगा। उधारकर्ता द्वारा गारंटी शुल्क देय होगा।
सीजीटीएमएसई के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार हायब्रिड मॉडल के तहत कवरेज भी स्वीकार्य है।
जोखिम साझा सुविधा (आरएसएफ) |
ऋण का 75% आंशिक ऋण गारंटी |
अधिकतम अनुमत ऋण |
₹ 2.00 करोड़ |
गारंटी कवरेज की सीमा:
श्रेणी |
गारंटी कवरेज की अधिकतम सीमा |
रु. 10.00 लाख से लेकर रु. 50.00 लाख तक |
रु. 50.00 लाख से लेकर रु. 200.00 लाख तक |
सूक्ष्म उद्यम |
75% |
75% |
पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित एमएसई (सिक्किम, जम्मू व कश्मीर संघ राज्य व लद्दाख संघ राज्य) |
80% |
75% |
महिला उद्यमी / अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति उद्यमी / दिव्यांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी)/ अग्निवीर द्वारा प्रवर्तित एमएसई / महत्त्वाकांक्षी जिलों में स्थापित एमएसई/ जेडईडी द्वारा प्रमाणित एमएसई |
85% |
85% |
अन्य श्रेणियां |
75% |
75% |
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गारंटी शुल्क |
10 लाख से 50 लाख तक के ऋणः- 0.55%
50 लाख से 1 करोड़ के ऋण – 0.60%
1 करोड़ से लेकर 2 करोड़ तक के ऋण– स्वीकृत राशि (प्रथम वर्ष) एवं प्रत्येक उत्तरवर्ती वर्ष में बकाया राशि पर 1.20% प्रति वर्ष (+ लागू जीएसटी)
गारंटी शुल्क उधारकर्ता द्वारा देय होगा। |
गारंटी शुल्क में अतिरिक्त रियायत / छूट |
- महिला/ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति / दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) / अग्निवीरः 10% रियायत
- पूर्वोत्तर क्षेत्र सहित सिक्किम, जम्मू व कश्मीर संघ राज्य व लद्दाख संघ राज्य (रु. 50 लाख तक) /महत्त्वाकांक्षी जिला)- 10% रियायत
- जेडईडी द्वारा प्रमाणित एमएसईः 10 % रियायत
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अन्य |
- सीजीटीएमएसई के तहत गारंटी कवर की सुविधा का लाभ ले रहे एमएसई सीजीटीएमएसई के अंतर्गत अधिकतम स्वीकृत सीमा में एमएसई-गिफ्ट योजना के तहत गारंटी कवर के लिए पात्र नहीं होगे।
- प्रवर्तकों / निदेशकों /भागीदारों /मालिकों के नाम किसी भी चूककर्ता सूची एवं एमएसई इकाई किसी भी वित्तीय संस्थान में चूककर्ता न हो।
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व्यक्तिगत गारंटी: मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सहभागियों / निदेशकों की निजी गारंटी |
11. |
ब्याज दर |
रेपो आधारित मूल्य |
12. |
चुकौती अवधि |
- फर्म / कंपनी के नगद प्रवाह के आधार पर मीयादी ऋण की चुकौती निर्धारित की जाएगी जो डीएससीआर के अनुपालन और क्रेडिट नीति के अन्य मानकों के अधीन है।
- न्यूनतम चुकौती अवधिः- अधिस्थगन अवधि सहित 36 माह (योजना के अनुसार)
- अधिकतम अवधिः- 60 महीनों तक
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13. |
प्रलेखीकरण |
मीयादी ऋणः डी7, डी32/डी33/डी34, डी36, डी57, डी101, एफ172, एफ189 |
14. |
संस्वीकृति प्राधिकारी |
पॉवर बुकलेट के अनुसार उनके विवेकाधीन शक्ति पर है। |
15. |
प्रारंभिक शुल्क/ प्रसंस्करण प्रभार |
- प्रसंस्करण प्रभार / प्रारंभिक प्रभार कार्ड दर का 50% होगा ।
- प्रलेखीकरण प्रभार कार्ड दर का 50 % होगा ।
- अन्य प्रभार सेवा प्रभार परिपत्र के अनुसार होगा।
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16. |
बेंचमार्क अनुपालन |
प्रसंविदा |
बेंचमार्क |
टीओएल /टीएनडब्ल्यू (डब्ल्यूसी व टीएल) |
5:1 |
ऋण इक्विटी अनुपात (टीएल) |
4:1 |
डीएससीआर (डीएल) |
औसत 1.50 / न्यूनत्तम 1.25 |
अचल आस्ति व्याप्ति अनुपात (टीएल) |
1.20 |
बेंचमार्क अनुपात में किसी भी तरह के विचलन के संबंध में प्रत्यायोजित शक्तियों के अनुसार की कार्रवाई की जाएगी। |
17. |
प्रवेश स्तर अवरोध |
रु. 1.00 करोड़ या अधिक के एक्सपोजर |
समेकित आंतरिक रेटिंग आईबी बीबीबी (आइकॉन रेटिंग पर आधारित) |
रु. 1 करोड़ तक के एक्सपोजर |
आंतरिक रेटिंग बीबीबी (स्कोरिंग मॉडल पर आधारित) |
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18.
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योजना की क्रियान्वयन अवधि |
- यह योजना 2023-2024 से 2025-2026 तक जारी रहेगी।
- सावधि विधि खंड: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा योजना की अधिसूचना की तिथि के उपरांत मंजूर सभी अनुदान तब तक जारी रहेगीं, जब तक, ब्याज रियायत कोष समर्पित रहेगा या योजना चलेगी, दोनों में जो पहले हो।
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19. |
अन्य शर्तें |
- आपूर्तिकर्ताओं के संबंध में समुचित जानकारी सुनिश्चित की जाएगी।
- बिक्रेताओं / आपूर्तिकर्ताओं को डीडी / एनईएफटी /आरटीजीएस के द्वारा सीधे राशि प्रेषित की जाए।
- इकाईयों को सांविधिक /नियामक प्राधिकरण द्वारा अनिवार्य अनुमोदन लेना चाहिए।
- सभी प्रतिभूतियाँ बैंक खंड के अनुसार पर्याप्त बीमित होना चाहिए (व्यापक बीमा) – उधारकर्ता द्वारा प्रीमियम देय होगा।
- किसी सिविल वर्क या प्रमुख निर्माण पर किया गया कोई व्यय इंड एमएसई – गिफ्ट योजना के अंतर्गत नहीं आएगा।
- प्रवर्तकों का योगदान आनुपातिक तरीके से आरंभ में ही लाया जाना चाहिए।
- क्रेडिट नीति के मौजूदा दिशानिर्देशों के आधार पर प्री-रिलीज लेखापरीक्षा / विधिक लेखापरीक्षा की जाए।
- मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार आरओसी / अन्य प्राधिकारियों के समक्ष प्रभार रजिस्टर की जाए।
- केवाईसी /एएमएल और अन्य दिशानिर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
- ऋण नीति दिशानिर्देश का अनुपालन किया जाए। ऋण नीति में समय-समय पर किया जाने वाला कोई भी संशोधन योजना का आंतरिक भाग होगा।
- योजना के तहत ब्याज में रिआयत के लिए मानक परिचालन दिशानिर्देश अनुलग्नक-II में विस्तार से दिया गया है।
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