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IB Education Loan (IBA)

IB Education Loan (IBA)

मापदंड मानदंड
पात्रता मानदंड 

1.1 प्रवेश

 

भारत और विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना

 ·         छात्र, जिन्होंने एचएससी (10 प्लस 2 या समकक्ष) की परीक्षा उतीर्ण करने के उपरांत, प्रवेश परीक्षा/मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से भारत या विदेश के किसी मान्यता प्राप्त/प्रमाणित संस्थान से उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए चयनित हुए हों।

·         महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा विकसित पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के चिन्हित लाभार्थी।

·         किसी योग्य विद्यार्थी को विदेश में पढ़ाई के लिए प्राप्त आमंत्रण/सशर्त प्रस्ताव पत्र के आधार पर शिक्षा ऋण प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है।

सेवारत पेशेवरों के लिए अंशकालिक/दूरस्थ शिक्षा मोड से एक्जेक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम/एक्जेक्यूटिव एमबीए:  

 i.      कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा (यदि कोई हो)/प्रस्ताव पत्र के आधार पर इन पाठ्यक्रमों के प्रवेश पर विचार किया जाएगा।

ii.     आवेदक को किसी भी विषय में कम से कम स्नातक या समकक्ष होना चाहिए।

iii.    उसे न्यूनतम 3 वर्ष के प्रासंगिक कार्य अनुभव के साथ एक सेवारत पेशेवर होना चाहिए।

iv.    हमारे स्टाफ को इस पाठ्यक्रम के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति की आवश्यकता है।

1.2 राष्ट्रीयता विद्यार्थी को भारतीय नागरिक (अनिवासी भारतीय [एनआरआई] सहित) होना चाहिए।

ऐसे एनआरआई छात्रों को सिर्फ भारत में अध्ययन  करने के लिए ऋण देने पर विचार किया जा सकता है, जो भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ)/भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) हों और ऐसे विद्यार्थी जो विदेश में पैदा हुए हों (जिन्हें जन्म से ही, तब से विदेशी नागरिकता प्राप्त है, जब उनके माता-पिता विदेशी सरकार/सरकारी एजेंसियों या अंतरराष्ट्रीय/क्षेत्रीय एजेंसियों आदि में प्रतिनियुक्ति पर थे एवं माता-पिता के स्वदेश आगमन के उपरांत बच्चे अब भारत और अब पढ़ रहे हैं)। हालाँकि, ऐसी सुविधा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (रुपये में उधार लेना और उधार देना) विनियम, 2000 के विनियम 7 (सी) [अधिसूचना संख्या फेमा.4/2000-आरबी दिनांक 03.05.2000 और पुनः अधिसूचना संख्या फेमा.115/2004-आरबी दिनांक 25.03.2004 द्वारा संशोधित] के अधीन होगी।

1.3 मेधावी मेधावी विद्यार्थी का अर्थ है:

क.    यदि किसी पात्र पाठ्यक्रम में प्रवेश, योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से होता है, तो उसे मेधावी विद्यार्थी समझा जा सकता है।

ख.    यदि व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश, सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है, तो इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश पाने वालों को मेधावी विद्यार्थी समझा जा सकता है।

पात्र पाठ्यक्रम क)   भारत में अध्ययन  हेतु

 

  • विभिन्न सरकारी सब्सिडी योजनाओं के तहत शुरू किए गए पाठ्यक्रम

 

  • यूजीसी / भारत सरकार / अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) / एआईबी मर्चेंट सर्विसेज (एआईबीएमएस) / भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) आदि द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेजों / विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित स्नातक / स्नातकोत्तर डिग्री और पीजी डिप्लोमा के लिए अनुमोदित पाठ्यक्रम।

 

  • पाठ्यक्रम यथा आईसीडब्ल्यूए, सीए, सीएफए आदि ।

 

  • भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (एक्सएलआरआई), राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (एनआईएफटी) आदि द्वारा संचालित।

 

  • नियमित डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम जैसे एयरोनॉटिकल, पायलट प्रशिक्षण, शिपिंग, आदि, या नागरिक उड्डयन महानिदेशक/शिपिंग या यथास्थित अनुसार किसी अन्य नियामक निकाय द्वारा अनुमोदित कोई अन्य पाठ्यक्रम।

 

  • प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा भारत में प्रस्तावित अनुमोदित पाठ्यक्रम।

 

एनसीएचएमसीटी (नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी) के तहत स्थापित होटल प्रबंधन संस्थानों द्वारा प्रस्तावित स्नातक-पूर्व पाठ्यक्रम।

 

एक्जेक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम/एक्जेक्यूटिव एमबीए:

 

प्रीमियर एलीट, प्रीमियर स्पेशल और प्रीमियर श्रेणियों के तहत संस्थानों से हमारे बैंक के स्टाफ सहित सेवारत पेशेवरों को अंशकालिक/ दूरस्थ शिक्षा मोड से प्राप्त करने के लिए।

 

ख)   विदेश में अध्ययन  हेतु

 

  • किसी भी मान्यता प्राप्त/प्रमाणित पाठ्यक्रम।
  • विभिन्न सरकारी सब्सिडी योजनाओं के तहत परिभाषित पाठ्यक्रम।
  • स्नातक: प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों/संस्थानों द्वारा प्रस्तावित रोजगारोन्मुख व्यावसायिक/तकनीकी पाठ्यक्रम।
  • स्नातकोत्तर: एमसीए, एमबीए, एमएस, आदि।
  • सीआईएमए-लंदन, यूएसए की सीपीए आदि द्वारा संचालित पाठ्यक्रम।
  • डिग्री/डिप्लोमा पाथ्यक्रम यथा एयरोनॉटिकल, पायलट प्रशिक्षण, शिपिंग आदि, बशर्ते इन्हें भारत/विदेश में रोजगार के उद्देश्य से भारत/विदेश के सक्षम नियामक निकायों द्वारा मान्यता प्राप्त हों।

 

संदर्भ :

www.topuniversities.com

www.qs.com

www.webometrics.info

कॉलेजों की श्रेणी भारत में अध्ययन  के लिए, संस्थानों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है:

 

अतः, हमारे पास संस्थानों की निम्न चार श्रेणियां हैं:

 

1. प्रीमियर एलीट (संस्थान अनुलग्नक – ए में सूचीबद्ध)

2. प्रीमियर स्पेशल (संस्थान अनुलग्नक – बी में सूचीबद्ध)

3. प्रीमियर (संस्थान अनुलग्नक – सी में सूचीबद्ध)

4. अन्य (कॉलेजों/विश्वविद्यालयों/संस्थानों के मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम जो उपरोक्त तीन श्रेणियों के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।) अनुलग्नक – डी

 

विदेश (रूस, यूक्रेन और चीन के संस्थानों को छोड़कर) में अध्ययन  के लिए, संस्थानों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है:

 

प्रीमियर स्पेशल:

नवीनतम वेबमेट्रिक्स रैंकिंग के अनुसार, वे संस्थान जिन्हें 1 से 1000 कॉलेज तक की रैंकिंग में स्थान प्राप्त है।

 

अन्य श्रेणी:

नवीनतम वेबमेट्रिक्स के अनुसार, 1000 से ऊपर के रैंक वाले संस्थानों को अन्य श्रेणी में समझा जाएगा।

 

पाठ्यक्रम पर खर्च भारत में और विदेश में (दोनों में) अध्ययन  पर हुए खर्च के लिए विचार करने हेतु ऋण:

 

1.     कॉलेज को देय ट्यूशन फीस*/ हॉस्टल फीस$ मांग के अनुसार।

2.     परीक्षा/पुस्तकालय/प्रयोगशाला प्रभार  मांग के अनुसार।

3.     केवल विदेश में अध्ययन  के लिए यात्रा पर खर्च/ यात्रा के दौरान खर्च और ठरहने पर खर्च। (प्रत्येक देश के लिए उपलब्ध औसत जीवनयापन खर्च के आधार पर मंजूरी देने वाले प्राधिकारी द्वारा जीवनयापन खर्च का मूल्यांकन किया जाना है)।

2.     यदि वित्त के लिए अनुरोध किया गया हो, तो विद्यार्थी उधारकर्ता के लिए बीमा प्रीमियम।

3.     संस्थान के बिलों/रसीदों को संलग्न करते हुए जमानती राशि, बिल्डिंग फंड/प्रतिदेय जमाराशि**।

4.     पुस्तकों/उपकरणों/यंत्रों/वर्दी की खरीद***

5.     पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक, यदि आवश्यक हो, तो उचित लागत पर कंप्यूटर की खरीद***

6.     पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक, अपेक्षित अन्य कोई खर्च यथा शैक्षणिक और रखरखाव प्रभार , अध्ययन  दौरे, परियोजना कार्य, थीसिस आदि।***

7.     आवश्यक ऋण की गणना करते समय, ऋण के लिए आवेदन करते समय विद्यार्थी उधारकर्ता के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति, प्रभार  माफी आदि को ध्यान में रखा जा सकता है।

8.     यदि छात्रवृत्ति के घटक को ऋण मूल्यांकन में शामिल किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार से प्राप्त होने पर छात्रवृत्ति की राशि को ऋण खाते में जमा की जाएगी।

 

* योजना के तहत विचार किए गए प्रबंधन कोटा सीटों के तहत पाठ्यक्रमों के लिए, राज्य सरकार/सरकार अनुमोदित नियामक निकाय द्वारा अनुमोदित प्रभार  को ही पुनर्भुगतान की व्यवहार्यता के अधीन स्वीकृत किया जाएगा।

 

** इन खर्चों पर इस शर्त के तहत विचार किया जाएगा कि यह राशि पूरे पाठ्यक्रम के लिए कुल ट्यूशन फीस का 20% से अधिक न हो।

 

*** उपरोक्त बिंदु संख्या 6, 7 और 8 के तहत शामिल अधिकतम खर्चों को पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए देय कुल ट्यूशन फीस का 20% तक सीमित किया जा सकता है।

 

$ यदि विद्यार्थी बाहरी आवास का विकल्प चुनता है/चाहता है तो उनके लिए उचित आवास और बोर्डिंग प्रभार पर विचार किया जाएगा।

 

प्रीमियर एलीट/प्रीमियर विशेष श्रेणी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के लिए बिंदु 5,6,7,8 की स्थिति में, सत्यापन योग्य दस्तावेजी साक्ष्य के प्रस्तुत करने पर आवश्यकता के आधार पर लिमिट पर विचार किया जा सकता है।

 

मार्जिन  

न्यूनतम मार्जिन की आवश्यकता
ऋण की राशि भारत में अध्ययन-सभी विदेश में अध्ययन
रु.4.00 लाख तक शून्‍य शून्‍य
रु.4.00 लाख से अधिक और रु.7.50 लाख तक 5 % 15 %
रु.7.50 लाख से अधिक 15% 20%
  • छात्रवृत्ति/ सहायता वृति को मार्जिन में शामिल किया जाएगा।
  • मार्जिन को ऋण संवितरण के समय प्रो-रेटा आधार पर भी अनुमति दी जा सकती है।

 

एक्जेक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम/ एक्जेक्यूटिव एमबीए के लिए: मार्जिन – 25%

वित्त की मात्रा भारत और विदेश में अध्ययन  के लिए:

पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिए खर्चों के अंतर्गत सूचीबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए न्यूनतम मार्जिन के अधीन आवश्यकताओं के आधार पर वित्त।

 एक्जेक्यूटिव प्रबंधन कार्यक्रम/एक्जेक्यूटिव एमबीए

अधिकतम ऋण राशि: रु. 25.00 लाख

आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची 1. विद्यार्थी – आवेदक

  • केवाईसी मानदंडों के अनुसार पहचान और पते का प्रमाण।
  • शैक्षणिक रिकॉर्ड का प्रमाण।
  • संस्थान में प्रवेश का प्रस्ताव पत्र या संस्थान में प्रवेश पत्र का प्रमाण।
  • अध्ययन पर लागत/ आवश्यक खर्चों का विवरण।
  • पासपोर्ट के आकार की फोटो।
  • पिछले/ मौजूदा ऋण, यदि कोई हो, के संबंध में उपयुक्त दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किए जाने चाहिए।
  • विदेश में अध्ययन के मामले में पासपोर्ट अनिवार्य रूप से जमा किया जाना चाहिए।
  • आधार।
  • स्थायी खाता संख्या (पैन) एक अनिवार्य दस्तावेज है और इसे आवेदन के साथ या प्रथम ऋण संवितरण से पहले जमा किया जाना है।
  • समय-समय पर निर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज़।
  • भविष्य में छात्र / सह-आवेदक के साथ बेहतर संप्रेषण के लिए ई-मेल का पता और सोशल मीडिया जैसे ट्विटर, फेसबुक, लिंक्डइन आदि (जो भी उपलब्ध हो) का विवरण।

 

2. सह-आवेदक / गारंटीदाता

 

  • केवाईसी मानदंडों के अनुसार पहचान और पते का प्रमाण।
  • पासपोर्ट साइज के फोटो।
  • पिछले / मौजूदा ऋण, यदि कोई हो, के संबंध में उपयुक्त दस्तावेजी साक्ष्य प्राप्त किए जाने चाहिए।
  • स्थायी खाता संख्या (पैन) एक अनिवार्य दस्तावेज है और इसे आवेदन के साथ या प्रथम ऋण संवितरण से पहले जमा किया जाना है।
  • आधार।
  • समय-समय पर निर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज़।
प्रतिभूति ए. शिक्षा से संबंधित ऋण के सभी श्रेणियों के लिए प्राथमिक प्रतिभूति:

 

  • विद्यार्थी उधारकर्ता के भविष्य की आय पर हक का अंतरण। $$
  • माता-पिता/ अभिभावक/ पति-पत्नी को यथाप्रयोज्य संयुक्त/ सह-उधारकर्ता बनाया जाएगा।

 

भविष्य की आय पर हक के अंतरण के मामले में सूचित किया जाता है कि:

 

  • पाठ्यक्रम के पूरा होने पर आवेदक/आवेदकों को प्राप्त होने वाले अनुमानित मासिक आय का ब्योरा प्राप्त किया जाए।

 

  • ऋण प्रस्ताव का मूल्यांकन करते समय, आवेदक द्वारा प्रस्तुत अनुमानित मासिक आय के ब्योरा को कॉलेज/ विश्वविद्यालय/ शैक्षणिक संस्थान के प्लेसमेंट रिकॉर्ड, चयनित पाठ्यक्रम के आधार पर प्राप्त रोजगार, और अपेक्षित वार्षिक पैकेज के संबंध में सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध अन्य स्रोतों/ जानकारियों से सत्यापित किया जाना चाहिए।

 

  • सत्यापन के पश्चात, इन विवरणों को किसी ढिलाई के बिना, मूल्यांकन नोट में अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाना चाहिए।

 

बी.  सीजीएफएसईएल/सरकारी ब्याज सब्सिडी के अंतर्गत कवर किए गए ऋण:

रू. 7.50 लाख तक की सीमा वाले ऋणों के लिए तृतीय-पक्ष गारंटी/ संपार्श्विक को माफ कर दिया गया है।

 

सी. सीजीएफएसईएल के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति की अपेक्षाएं:

  1. प्रीमियर एलीट श्रेणी: रू. 40 लाख की ऋण सीमा तक संपार्श्विक प्रतिभूति की कोई आवश्यकता नहीं है। तथापि, यदि ऋण की सीमा रु. 40.00 लाख से अधिक है, तो  सरफेसी अनुरूप भूमि (सीमाबद्ध और सीमांकित)/ भवन/ फ्लैट/ सरकारी प्रतिभूतियों/ पीएसयू बांड/ सोने के आभूषण/ बैंक जमा/ एनएससी और एलआईपी (समर्पण मूल्य) के रूप में संपूर्ण ऋण सीमा को कवर करने वाली पूर्ण संपार्श्विक प्रतिभूति आवश्यक है।

 

  1. प्रीमियर स्पेशल, प्रीमियर और अन्य संस्थान (भारत और विदेश में अध्ययन के लिए): सरफेसी अनुरूप भूमि (सीमाबद्ध और सीमांकित)/ भवन/ फ्लैट/ सरकारी प्रतिभूतियां/ पीएसयू बांड/ स्वर्ण आभूषण/ बैंक जमाओं/एनएससी और एलआईपी (समर्पण मूल्य) के रूप में संपूर्ण ऋण सीमा को कवर करने वाली पूर्ण संपार्श्विक प्रतिभूति।

 

  1. बैंक के स्टाफ के बच्चों को ऋण, जहां हमारा स्टाफ सह-उधारकर्ता है:

 

क.    भारत या विदेश के किसी भी संस्थान में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रति कर्मचारी को रू. 30.00 लाख तक की ऋण राशि के लिए कोई संपार्श्विक आवश्यक नहीं है। (आईएसबी के लिए, राशि रु. 40.00 लाख हो सकती है)।

 

ख.    रू. 30.00 लाख से अधिक की ऋण सीमा (आईएसबी के लिए रू. 40.00 लाख) को पूर्ण संपार्श्विक प्रतिभूति अर्थात, गृह ऋण, बैंक जमाएं / एनएससी और एलआईपी (समर्पण मूल्य) सरकारी प्रतिभूतियों/ पीएसयू बांड/ सोने के आभूषण के माध्यम से अर्जित अचल संपत्ति पर प्रभार  के विस्तार द्वारा कवर किया जाएगा।

 

  1. एक्जेक्यूटिव प्रबंधन कार्यक्रम/ एक्जेक्यूटिव एमबीए के लिए केवल प्रीमियर एलीट

·         प्रीमियर एलीट संस्थानों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति की कोई आवश्यकता नहीं।

·         प्रीमियर स्पेशल और प्रीमियर संस्थानों के लिए पूरी राशि के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति आवश्यक है।

·         हमारे स्टाफ उधारकर्ताओं के मामले में, पीएफ/ एनपीएस नामांकित व्यक्ति की गारंटी अतिरिक्त रूप से प्राप्त की जानी है।

·         अन्य उधारकर्ताओं के लिए, ऋण राशि को कवर करने के लिए पर्याप्त नेट वर्थ के साथ तीसरे पक्ष की गारंटी प्राप्त की जानी चाहिए।

 

जहां भी भूमि/ भवन पहले से ही हमारे पास बंधक है, भार रहित हिस्से को प्रभार के विस्तार पर प्रतिभूति के रूप में लिया जा सकता है, बशर्ते यह आवश्यक ऋण राशि और अर्जित ब्याज (यदि कोई हो) को कवर करता है।

 

शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल)
  • आईबीए योजना के तहत रू. 7.50 लाख की सीमा तक स्वीकृत शैक्षिक ऋण, शिक्षा ऋण क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) के तहत पात्र हैं।
  • तृतीय पक्ष गारंटी/ संपार्श्विक को माफ कर दिया गया है।
  • माता-पिता/ पति-पत्नी सह-बाध्यकारी/ संयुक्त उधारकर्ता होंगे।
  • भारत और विदेश दोनों में किए जा रहे अध्ययन इसके लिए पात्र है।
  • वार्षिक गारंटी शुल्क बकाये ऋण राशि का 0.50% प्रति वर्ष होगा जिसे बैंक द्वारा प्राप्त किया जाएगा।
  • डिफ़ॉल्ट राशि के 75% पर गारंटी कवर उपलब्ध होगा।

 

ब्याज दर यहाँ क्लिक करें।

 

प्रोसेसिंग शुल्क   यहाँ क्लिक करें।

 

सब्सिडी यहाँ क्लिक करें।

 

पुनर्भुगतान की अवधि शिक्षा ऋण (भारत, विदेश में अध्ययन): अधिस्थगन अवधि के तुरंत बाद शुरू कर 180 ईएमआई तक।

 

एक्जेक्यूटिव प्रबंधन कार्यक्रम/ एक्जेक्यूटिव एमबीए: पहले संवितरण के बाद अगले महीने से शुरू होगी और इसमें कोई अवकाश नहीं दी जाएगी।

 

अधिस्थगन अवधि: सभी मामलों में पाठ्यक्रम की अवधि और अवकाश की अवधि एक वर्ष (अधिकतम)।

 

  • अध्ययन अवधि और अधिस्थगन अवधि के दौरान पुनर्भुगतान की अवधि शुरू होने तक चुकौती साधारण ब्याज से किया जाता है।
  • अध्ययन अवधि और अधिस्थगन अवधि के दौरान पुनर्भुगतान की अवधि शुरू होने तक ब्याज की चुकौती छात्रों के लिए वैकल्पिक है। तथापि ऋण के पुनर्भुगतान के लिए ईएमआई तय करते समय अर्जित ब्याज को उधार ली गई मूलधन की राशि में जोड़ा जाएगा।

 

बीमा शैक्षिक ऋण लेने वाले छात्रों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी उनके स्वीकृत ऋण सीमा के लिए अनिवार्य है, जिसमें ऋण की पूरी अवधि यानी अध्ययन अवधि, अवकाश/ मोरेटोरियम अवधि और पुनर्भुगतान अवधि शामिल है।

 

यह ग्रुप जीवन बीमा पॉलिसी अर्थात न्यू आईबी जीवन विद्या (एलआईसी द्वारा प्रस्तावित)/ आईबी विद्यार्थी सुरक्षा (पीएनबी मेट लाइफ द्वारा प्रस्तावित) या किसी अन्य पॉलिसी के तहत, जैसा कि विद्यार्थी उधारकर्ताओं की इच्छा हो, के तहत किया जा सकता है। पॉलिसी के लिए देय प्रीमियम को वित्त के लिए पात्र तत्व के रूप में माना जा सकता है। **

 

भारत और विदेश में अध्ययन किए गए पाठ्यक्रम यदि कोई पढ़ाई आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश से किया जाता है और यदि संस्थान भारत में स्नातक प्रमाणपत्र जारी करता है, तो ऋण खाता भारत में अध्ययन योजना के तहत खोला जाना है। परंतु, खाता सेंट्रल सेक्टर ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) योजना के तहत सब्सिडी के लिए पात्र नहीं होगा।

 

यदि कोई पढ़ाई आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश में किया जाता है और यदि विदेशी संस्थान स्नातक प्रमाणपत्र जारी करता है, तो ऋण खाता विदेश अध्ययन योजना  के तहत खोला जाना है।

 

शिक्षा ऋणों का अधिग्रहण प्रीमियर एलीट संस्थानों के छात्रों के लिए, निम्नलिखित पात्रता मानदंडों की संतुष्टि पर किसी भी बैंक/ एफआई से शिक्षा ऋण लेने की अनुमति है।

ü  प्रीमियर एलीट श्रेणी के संस्थानों के तहत शिक्षा ऋण की अवधि के दौरान कभी भी किया जा सकता है (जिसमें पाठ्यक्रम अवधि, अधिस्थगन और पुनर्भुगतान अवधि शामिल है) बशर्ते इस श्रेणी के संस्थानों में शिक्षा ऋण स्वीकृत करने के लिए दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाता है।

 

ü  विद्यार्थी को मौजूदा पाठ्यक्रम/ अध्ययन में नियमित और सुसंगत होना चाहिए।

 

ü  शिक्षा ऋण के अधिग्रहण के लिए अन्य सभी मौजूदा मानदंडों का अनुपालन किया जाना चाहिए।

 

महाविद्यालयों की श्रेणी अनुलग्नक – ए (प्रीमियर एलीट)

 

अनुलग्नक-बी (प्रमुख विशेष संस्थान)  (भारत और विदेश में अध्ययन के लिए)

 

अनुलग्नक-सी (प्रमुख संस्थान) (केवल भारत में अध्ययन  के लिए)

 

 

 

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( अंतिम संशोधन Nov 07, 2024 at 01:11:35 PM )

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