IB Education Loan (IBA)
मापदंड | मानदंड | |||||||||||||||
पात्रता मानदंड
1.1 प्रवेश
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भारत और विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना
· छात्र, जिन्होंने एचएससी (10 प्लस 2 या समकक्ष) की परीक्षा उतीर्ण करने के उपरांत, प्रवेश परीक्षा/मेरिट आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से भारत या विदेश के किसी मान्यता प्राप्त/प्रमाणित संस्थान से उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए चयनित हुए हों। · महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा विकसित पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के चिन्हित लाभार्थी। · किसी योग्य विद्यार्थी को विदेश में पढ़ाई के लिए प्राप्त आमंत्रण/सशर्त प्रस्ताव पत्र के आधार पर शिक्षा ऋण प्रदान करने पर विचार किया जा सकता है। सेवारत पेशेवरों के लिए अंशकालिक/दूरस्थ शिक्षा मोड से एक्जेक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम/एक्जेक्यूटिव एमबीए: i. कॉलेज/विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा (यदि कोई हो)/प्रस्ताव पत्र के आधार पर इन पाठ्यक्रमों के प्रवेश पर विचार किया जाएगा। ii. आवेदक को किसी भी विषय में कम से कम स्नातक या समकक्ष होना चाहिए। iii. उसे न्यूनतम 3 वर्ष के प्रासंगिक कार्य अनुभव के साथ एक सेवारत पेशेवर होना चाहिए। iv. हमारे स्टाफ को इस पाठ्यक्रम के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति की आवश्यकता है। |
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1.2 राष्ट्रीयता | विद्यार्थी को भारतीय नागरिक (अनिवासी भारतीय [एनआरआई] सहित) होना चाहिए।
ऐसे एनआरआई छात्रों को सिर्फ भारत में अध्ययन करने के लिए ऋण देने पर विचार किया जा सकता है, जो भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ)/भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) हों और ऐसे विद्यार्थी जो विदेश में पैदा हुए हों (जिन्हें जन्म से ही, तब से विदेशी नागरिकता प्राप्त है, जब उनके माता-पिता विदेशी सरकार/सरकारी एजेंसियों या अंतरराष्ट्रीय/क्षेत्रीय एजेंसियों आदि में प्रतिनियुक्ति पर थे एवं माता-पिता के स्वदेश आगमन के उपरांत बच्चे अब भारत और अब पढ़ रहे हैं)। हालाँकि, ऐसी सुविधा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (रुपये में उधार लेना और उधार देना) विनियम, 2000 के विनियम 7 (सी) [अधिसूचना संख्या फेमा.4/2000-आरबी दिनांक 03.05.2000 और पुनः अधिसूचना संख्या फेमा.115/2004-आरबी दिनांक 25.03.2004 द्वारा संशोधित] के अधीन होगी। |
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1.3 मेधावी | ‘मेधावी विद्यार्थी’ का अर्थ है:
क. यदि किसी पात्र पाठ्यक्रम में प्रवेश, योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया के माध्यम से होता है, तो उसे मेधावी विद्यार्थी समझा जा सकता है। ख. यदि व्यावसायिक और तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश, सामान्य प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है, तो इस प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश पाने वालों को मेधावी विद्यार्थी समझा जा सकता है। |
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पात्र पाठ्यक्रम | क) भारत में अध्ययन हेतु
एनसीएचएमसीटी (नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी) के तहत स्थापित होटल प्रबंधन संस्थानों द्वारा प्रस्तावित स्नातक-पूर्व पाठ्यक्रम।
एक्जेक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम/एक्जेक्यूटिव एमबीए:
प्रीमियर एलीट, प्रीमियर स्पेशल और प्रीमियर श्रेणियों के तहत संस्थानों से हमारे बैंक के स्टाफ सहित सेवारत पेशेवरों को अंशकालिक/ दूरस्थ शिक्षा मोड से प्राप्त करने के लिए।
ख) विदेश में अध्ययन हेतु
संदर्भ : |
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कॉलेजों की श्रेणी | भारत में अध्ययन के लिए, संस्थानों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है:
अतः, हमारे पास संस्थानों की निम्न चार श्रेणियां हैं:
1. प्रीमियर एलीट (संस्थान अनुलग्नक – ए में सूचीबद्ध) 2. प्रीमियर स्पेशल (संस्थान अनुलग्नक – बी में सूचीबद्ध) 3. प्रीमियर (संस्थान अनुलग्नक – सी में सूचीबद्ध) 4. अन्य (कॉलेजों/विश्वविद्यालयों/संस्थानों के मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम जो उपरोक्त तीन श्रेणियों के अंतर्गत शामिल नहीं हैं।) अनुलग्नक – डी
विदेश (रूस, यूक्रेन और चीन के संस्थानों को छोड़कर) में अध्ययन के लिए, संस्थानों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है:
प्रीमियर स्पेशल: नवीनतम वेबमेट्रिक्स रैंकिंग के अनुसार, वे संस्थान जिन्हें 1 से 1000 कॉलेज तक की रैंकिंग में स्थान प्राप्त है।
अन्य श्रेणी: नवीनतम वेबमेट्रिक्स के अनुसार, 1000 से ऊपर के रैंक वाले संस्थानों को अन्य श्रेणी में समझा जाएगा।
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पाठ्यक्रम पर खर्च | भारत में और विदेश में (दोनों में) अध्ययन पर हुए खर्च के लिए विचार करने हेतु ऋण:
1. कॉलेज को देय ट्यूशन फीस*/ हॉस्टल फीस$ मांग के अनुसार। 2. परीक्षा/पुस्तकालय/प्रयोगशाला प्रभार मांग के अनुसार। 3. केवल विदेश में अध्ययन के लिए यात्रा पर खर्च/ यात्रा के दौरान खर्च और ठरहने पर खर्च। (प्रत्येक देश के लिए उपलब्ध औसत जीवनयापन खर्च के आधार पर मंजूरी देने वाले प्राधिकारी द्वारा जीवनयापन खर्च का मूल्यांकन किया जाना है)। 2. यदि वित्त के लिए अनुरोध किया गया हो, तो विद्यार्थी उधारकर्ता के लिए बीमा प्रीमियम। 3. संस्थान के बिलों/रसीदों को संलग्न करते हुए जमानती राशि, बिल्डिंग फंड/प्रतिदेय जमाराशि**। 4. पुस्तकों/उपकरणों/यंत्रों/वर्दी की खरीद*** 5. पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक, यदि आवश्यक हो, तो उचित लागत पर कंप्यूटर की खरीद*** 6. पाठ्यक्रम के पूर्ण होने तक, अपेक्षित अन्य कोई खर्च यथा शैक्षणिक और रखरखाव प्रभार , अध्ययन दौरे, परियोजना कार्य, थीसिस आदि।*** 7. आवश्यक ऋण की गणना करते समय, ऋण के लिए आवेदन करते समय विद्यार्थी उधारकर्ता के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति, प्रभार माफी आदि को ध्यान में रखा जा सकता है। 8. यदि छात्रवृत्ति के घटक को ऋण मूल्यांकन में शामिल किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार से प्राप्त होने पर छात्रवृत्ति की राशि को ऋण खाते में जमा की जाएगी।
* योजना के तहत विचार किए गए प्रबंधन कोटा सीटों के तहत पाठ्यक्रमों के लिए, राज्य सरकार/सरकार अनुमोदित नियामक निकाय द्वारा अनुमोदित प्रभार को ही पुनर्भुगतान की व्यवहार्यता के अधीन स्वीकृत किया जाएगा।
** इन खर्चों पर इस शर्त के तहत विचार किया जाएगा कि यह राशि पूरे पाठ्यक्रम के लिए कुल ट्यूशन फीस का 20% से अधिक न हो।
*** उपरोक्त बिंदु संख्या 6, 7 और 8 के तहत शामिल अधिकतम खर्चों को पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए देय कुल ट्यूशन फीस का 20% तक सीमित किया जा सकता है।
$ यदि विद्यार्थी बाहरी आवास का विकल्प चुनता है/चाहता है तो उनके लिए उचित आवास और बोर्डिंग प्रभार पर विचार किया जाएगा।
प्रीमियर एलीट/प्रीमियर विशेष श्रेणी के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों के लिए बिंदु 5,6,7,8 की स्थिति में, सत्यापन योग्य दस्तावेजी साक्ष्य के प्रस्तुत करने पर आवश्यकता के आधार पर लिमिट पर विचार किया जा सकता है।
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मार्जिन |
एक्जेक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम/ एक्जेक्यूटिव एमबीए के लिए: मार्जिन – 25% |
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वित्त की मात्रा | भारत और विदेश में अध्ययन के लिए:
पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिए खर्चों के अंतर्गत सूचीबद्ध खर्चों को पूरा करने के लिए न्यूनतम मार्जिन के अधीन आवश्यकताओं के आधार पर वित्त। एक्जेक्यूटिव प्रबंधन कार्यक्रम/एक्जेक्यूटिव एमबीए अधिकतम ऋण राशि: रु. 25.00 लाख |
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आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची | 1. विद्यार्थी – आवेदक
2. सह-आवेदक / गारंटीदाता
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प्रतिभूति | ए. शिक्षा से संबंधित ऋण के सभी श्रेणियों के लिए प्राथमिक प्रतिभूति:
भविष्य की आय पर हक के अंतरण के मामले में सूचित किया जाता है कि:
बी. सीजीएफएसईएल/सरकारी ब्याज सब्सिडी के अंतर्गत कवर किए गए ऋण: रू. 7.50 लाख तक की सीमा वाले ऋणों के लिए तृतीय-पक्ष गारंटी/ संपार्श्विक को माफ कर दिया गया है।
सी. सीजीएफएसईएल के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए ऋणों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति की अपेक्षाएं:
क. भारत या विदेश के किसी भी संस्थान में अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रति कर्मचारी को रू. 30.00 लाख तक की ऋण राशि के लिए कोई संपार्श्विक आवश्यक नहीं है। (आईएसबी के लिए, राशि रु. 40.00 लाख हो सकती है)।
ख. रू. 30.00 लाख से अधिक की ऋण सीमा (आईएसबी के लिए रू. 40.00 लाख) को पूर्ण संपार्श्विक प्रतिभूति अर्थात, गृह ऋण, बैंक जमाएं / एनएससी और एलआईपी (समर्पण मूल्य) सरकारी प्रतिभूतियों/ पीएसयू बांड/ सोने के आभूषण के माध्यम से अर्जित अचल संपत्ति पर प्रभार के विस्तार द्वारा कवर किया जाएगा।
· प्रीमियर एलीट संस्थानों के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति की कोई आवश्यकता नहीं। · प्रीमियर स्पेशल और प्रीमियर संस्थानों के लिए पूरी राशि के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति आवश्यक है। · हमारे स्टाफ उधारकर्ताओं के मामले में, पीएफ/ एनपीएस नामांकित व्यक्ति की गारंटी अतिरिक्त रूप से प्राप्त की जानी है। · अन्य उधारकर्ताओं के लिए, ऋण राशि को कवर करने के लिए पर्याप्त नेट वर्थ के साथ तीसरे पक्ष की गारंटी प्राप्त की जानी चाहिए।
जहां भी भूमि/ भवन पहले से ही हमारे पास बंधक है, भार रहित हिस्से को प्रभार के विस्तार पर प्रतिभूति के रूप में लिया जा सकता है, बशर्ते यह आवश्यक ऋण राशि और अर्जित ब्याज (यदि कोई हो) को कवर करता है।
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शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) |
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ब्याज दर | यहाँ क्लिक करें।
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प्रोसेसिंग शुल्क | यहाँ क्लिक करें।
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सब्सिडी | यहाँ क्लिक करें।
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पुनर्भुगतान की अवधि | शिक्षा ऋण (भारत, विदेश में अध्ययन): अधिस्थगन अवधि के तुरंत बाद शुरू कर 180 ईएमआई तक।
एक्जेक्यूटिव प्रबंधन कार्यक्रम/ एक्जेक्यूटिव एमबीए: पहले संवितरण के बाद अगले महीने से शुरू होगी और इसमें कोई अवकाश नहीं दी जाएगी।
अधिस्थगन अवधि: सभी मामलों में पाठ्यक्रम की अवधि और अवकाश की अवधि एक वर्ष (अधिकतम)।
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बीमा | शैक्षिक ऋण लेने वाले छात्रों के लिए जीवन बीमा पॉलिसी उनके स्वीकृत ऋण सीमा के लिए अनिवार्य है, जिसमें ऋण की पूरी अवधि यानी अध्ययन अवधि, अवकाश/ मोरेटोरियम अवधि और पुनर्भुगतान अवधि शामिल है।
यह ग्रुप जीवन बीमा पॉलिसी अर्थात न्यू आईबी जीवन विद्या (एलआईसी द्वारा प्रस्तावित)/ आईबी विद्यार्थी सुरक्षा (पीएनबी मेट लाइफ द्वारा प्रस्तावित) या किसी अन्य पॉलिसी के तहत, जैसा कि विद्यार्थी उधारकर्ताओं की इच्छा हो, के तहत किया जा सकता है। पॉलिसी के लिए देय प्रीमियम को वित्त के लिए पात्र तत्व के रूप में माना जा सकता है। **
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भारत और विदेश में अध्ययन किए गए पाठ्यक्रम | यदि कोई पढ़ाई आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश से किया जाता है और यदि संस्थान भारत में स्नातक प्रमाणपत्र जारी करता है, तो ऋण खाता भारत में अध्ययन योजना के तहत खोला जाना है। परंतु, खाता सेंट्रल सेक्टर ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) योजना के तहत सब्सिडी के लिए पात्र नहीं होगा।
यदि कोई पढ़ाई आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश में किया जाता है और यदि विदेशी संस्थान स्नातक प्रमाणपत्र जारी करता है, तो ऋण खाता विदेश अध्ययन योजना के तहत खोला जाना है।
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शिक्षा ऋणों का अधिग्रहण | प्रीमियर एलीट संस्थानों के छात्रों के लिए, निम्नलिखित पात्रता मानदंडों की संतुष्टि पर किसी भी बैंक/ एफआई से शिक्षा ऋण लेने की अनुमति है।
ü प्रीमियर एलीट श्रेणी के संस्थानों के तहत शिक्षा ऋण की अवधि के दौरान कभी भी किया जा सकता है (जिसमें पाठ्यक्रम अवधि, अधिस्थगन और पुनर्भुगतान अवधि शामिल है) बशर्ते इस श्रेणी के संस्थानों में शिक्षा ऋण स्वीकृत करने के लिए दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाता है।
ü विद्यार्थी को मौजूदा पाठ्यक्रम/ अध्ययन में नियमित और सुसंगत होना चाहिए।
ü शिक्षा ऋण के अधिग्रहण के लिए अन्य सभी मौजूदा मानदंडों का अनुपालन किया जाना चाहिए।
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महाविद्यालयों की श्रेणी | अनुलग्नक – ए (प्रीमियर एलीट)
अनुलग्नक-बी (प्रमुख विशेष संस्थान) (भारत और विदेश में अध्ययन के लिए)
अनुलग्नक-सी (प्रमुख संस्थान) (केवल भारत में अध्ययन के लिए)
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( अंतिम संशोधन Nov 07, 2024 at 01:11:35 PM )