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शिक्षा ऋण – सब्सिडी योजनाएं

शिक्षा ऋण – सब्सिडी योजनाएं

शिक्षा ऋण के लिए तीन सब्सिडी योजनाएं उपलब्ध हैं, जिनका विवरण नीचे दिया गया है:

 

  1. शिक्षा ऋण (सीएसआईएस) पर ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए केंद्रीय योजना

 

  • यह योजना केवल “भारत में अध्ययन” के लिए लागू है।
  • यदि अध्ययन आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश में किया जाता है, तो वह सब्सिडी के लिए पात्र नहीं है।
  • यह योजना भारत में मान्यता प्राप्त संस्थानों से तकनीकी और व्यावसायिक वर्ग के अंतर्गत अनुमोदित पाठ्यक्रम के अध्ययन पर लागू है।
  • इस योजना के अनुसार, माता-पिता/पारिवार की सभी स्रोतों से प्राप्त वार्षिक सकल आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस उद्देश्य हेतु संबंधित राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश द्वारा अनुमोदित प्राधिकृत अधिकारियों (उदाहरण के लिए तमिलनाडु में क्षेत्रीय उप तहसीलदार) से आय प्रमाण प्राप्त किया जाना चाहिए और ऋण देने वाली शाखा को जमा किया जाए।
  • परिवार की आय की गणना शिक्षा ऋण आवेदन की तिथि पर की जाए। बाद में आय में वृद्धि या कमी का पात्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • रु.00 लाख तक की शिक्षा ऋण सीमा पर प्रभारित ब्याज राशि पर ब्याज सब्सिडी उपलब्ध है। यदि कोई शिक्षा ऋण रु. 10.00 लाख से अधिक स्वीकृत किया जाता है, तो रु. 10.00 लाख तक की सीमा पर प्रभारित ब्याज पर ही ब्याज सब्सिडी उपलब्ध होगी।
  • रु.50 लाख तक के स्वीकृत ऋणों के लिए कोई संपार्श्विक सुरक्षा या तृतीय पक्ष गारंटी की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, ऋण का यह हिस्सा शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) के तहत कवर होना चाहिए।
  • ब्याज सब्सिडी अधिस्थगन अवधि तक उपलब्ध है।
  • अधिस्थगन अवधि तक प्रभारित ब्याज भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अधिस्थगन अवधि समाप्त होने के बाद, छात्र द्वारा बकाया ऋण राशि पर प्रभारित ब्याज का भुगतान समय-समय पर संशोधित मौजूदा शिक्षा ऋण योजना के अनुसार किया जाएगा। अधिस्थगन अवधि के बाद बकाया मूल किश्त और ब्याज अभ्यार्थी द्वारा वहन किए जाएंगे।
  • यह ब्याज सब्सिडी, भारत में किए जाने वाले प्रथम स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम या स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा में से किसी एक के लिए ही उपलब्ध है।
  • पाठ्यक्रमों में प्रबंधन कोटे के तहत पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर सब्सिडी हेतु पात्र नहीं होंगे।

 

  1. पढ़ो प्रदेश सब्सिडी

 

  • अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को विदेश में परास्नातक/एम.फिल/पीएचडी करने के लिए स्वीकृत शिक्षा ऋणों के लिए अधिस्थगन अवधि (पाठ्यक्रम अवधि + अवकाश अवधि) तक स्वीकृत शिक्षा ऋण पर ब्याज सब्सिडी उपलब्ध है।
  • वर्तमान शर्तों (जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया जाता है) के अनुसार जिनकी पारिवारिक/माता-पिता की वार्षिक आय 00 लाख रुपये से अधिक नहीं है वे इस योजना के तहत पात्र हैं।
  • राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में अधिसूचित प्राधिकारी से प्राप्त आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
  • रु. 00 लाख तक की सीमा वाले शिक्षा ऋणों पर प्रभारित ब्याज राशि के लिए ब्याज सब्सिडी उपलब्ध है। यदि 20.00 लाख रुपये से अधिक के लिए शिक्षा ऋण स्वीकृत किया जाता है, तो केवल 20.00 लाख रुपये की सीमा तक प्रभारित ब्याज के लिए ही ब्याज सब्सिडी उपलब्ध होगी।
  • अधिस्थगन अवधि के दौरान ब्याज के पूर्व भुगतान पर बैंकों द्वारा सामान्य रूप से ब्याज दर में 1% की कमी का लाभ छात्रों को दिया जाएगा।
  • इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले विद्यार्थी यदि ऋण की अवधि के दौरान भारतीय नागरिकता छोड़ देते हैं तो उन्हें ब्याज सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
  • अधिस्थगन अवधि तक का ब्याज भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अधिस्थगन अवधि समाप्त होने के बाद, बकाया ऋण राशि पर प्रभारित ब्याज का भुगतान विद्यार्थी द्वारा मौजूदा शिक्षा ऋण योजना, जोकि समय-समय पर संशोधित होती है, के अनुसार किया जाएगा। अधिस्थगन अवधि के बाद बकाया मूल किश्त और ब्याज को अभ्यर्थी द्वारा वहन किया जाएगा।
  • छात्रों को पाठ्यक्रम के पहले वर्ष के दौरान ही योजना के तहत लाभों के लिए आवेदन करना चाहिए। दूसरे वर्ष या उसके बाद के वर्षों के दौरान प्राप्त नए आवेदन किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

 

  1. ACSISOBCEBC सब्सिडी

 

  • यह योजना केवल विदेश में उच्च अध्ययन के लिए आईबीए योजना के तहत स्वीकृत शिक्षा ऋण पर लागू है।
  • यह ब्याज सब्सिडी, पात्र विद्यार्थी को मास्टर्स या पीएचडी स्तर के पाठ्यक्रम में से किसी एक के लिए ही उपलब्ध होगी। उन छात्रों के लिए ब्याज सब्सिडी उपलब्ध नहीं होगी, जिन्होंने या तो किसी भी कारण से पाठ्यक्रम को बीच में ही छोड़ दिया हो या जिन्हें अनुशासनात्मक या शैक्षणिक आधार पर संस्थान से निकाल दिया गया हो।
  • अधिस्थगन अवधि (पाठ्यक्रम अवधि + अवकाश अवधि) के दौरान शिक्षा ऋणों पर प्रभारित ब्याज सब्सिडी के रूप में प्रदान किया जाता है। अधिस्थगन अवधि के बाद बकाया मूल किश्त सहित उस पर प्रभारित ब्याज का भुगतान अभ्यर्थी द्वारा किया जाएगा।
  • यदि शिक्षा ऋण रु. 00 लाख से अधिक के लिए स्वीकृत किया जाता है, तो ब्याज सब्सिडी दावे के लिए पात्र ऋण राशि केवल रु. 20.00 लाख ही मानी जाएगी।
  • यह योजना केवल परास्नातक (पीजी डिप्लोमा सहित), एम.फिल और पीएचडी पाठ्यक्रमों के अध्ययन पर ही लागू है।
  • यदि छात्र द्वारा आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से विदेश में अध्ययन किया जाता है, तो पाठ्यक्रम ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र होगा बशर्ते विदेशी विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्रदान की गई हो।
  • इस योजना की परिकल्पना दो लक्षित समूहों को ब्याज सब्सिडी प्रदान करने के लिए की गई है; ओबीसी और ईबीसी।
  • वर्तमान शर्तों के अनुसार, ओबीसी और ईबीसी के लिए आय सीमा (जिसे समय-समय पर संशोधित किया जा सकता है) क्रमशः 00 लाख और 5.00 लाख रुपये प्रति वर्ष है।
  • राज्य सरकार द्वारा नामित उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा प्रदान किए गए आय प्रमाण पत्र / आईटीआर फॉर्म / फॉर्म 16 / लेखा परीक्षित खाते आय सीमा निर्धारित करने के लिए स्वीकार्य हैं। ऋण आवेदन के दौरान जमा किया गया आय प्रमाण पत्र वार्षिक आय के प्रमाण के रूप में माना जाएगा। बाद में वृद्धि/कमी का पात्रता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
  • ओबीसी की केंद्रीय सूची (संबंधित राज्य सूचियों का पालन नहीं किया जाएगा) में आने वाले ही ओबीसी की योजना के तहत पात्र होंगे। सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी निर्धारित प्रोफार्मा में ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
  • इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले विद्यार्थी यदि ऋण की अवधि के दौरान भारतीय नागरिकता छोड़ देता है तो उन्हें ब्याज सब्सिडी नहीं दी जाएगी।

( अंतिम संशोधन Dec 16, 2023 at 06:12:21 PM )

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